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शनिवार, 24 अगस्त 2019

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 16

राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी

जब से मनुष्य जाति का अस्तित्व बना है
तभी से युद्ध भी अस्तित्व में आया। 
युद्ध जो कभी धन का द्वन्द बन के सामने आता है, 
तो कभी सुरक्षा का हथियार बन कर, 
कभी विजय की भूख के लिए, 
तो कभी पराजय टालने के लिए।

Radhakrishna-krishnavani



किन्तु वास्तविकता तो यही है कि यदि 
आपको आगे बढ़ना है तो बाधाओं से युद्ध तो करना होगा। 
परन्तु युद्ध के लिए सज्ज रहना इतना महत्त्वपूर्ण नहीं है 
जितना महत्त्वपूर्ण है ये समझना कि युद्ध को टाला कब जा सकता है।


क्योंकि सबसे सफल युद्ध वही होता है जो कभी लड़ा ही ना जाए। 
आप युद्ध में विजय प्राप्त करके स्वयं का मान तो बढ़ा लोगे, 
किन्तु अपना बल खो दोगे।


इसलिए जहां तक हो सके युद्ध को टालो, 
इस शक्ति को संग्रहित रखो। 
ताकि जब ये युद्ध धर्म बन के सामने आये 
आप उससे पूरे बल के साथ लड़ सको। 

राधे-राधे!

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