राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 71 ICANSPIRIT 4:31 am संसार में आपको ऐसे कई लोग मिलेंगे जो आपको बताएंगे कि “क्या करना है।” किन्तु उससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण बात ये है कि “क्या नहीं करना?” आज मैं... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 70 ICANSPIRIT 9:02 pm कभी-कभी आपके मन में ये प्रश्न नहीं उठता कि इस संसार में ऐसा क्या है जिसे पाना असम्भव है? उठता है, मेरे मन में भी ये प्रश्न उठता है फिर मैं ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 69 ICANSPIRIT 3:35 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी शीत ऋतु की संध्या में इन जलती हुई लकड़ियों पर हाथ तापना किसे नहीं भाता? कितने प्रहर बीत जाते है लकड़ियों को चिटकात... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 68 ICANSPIRIT 3:29 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी आज मैं आपसे तीन प्रश्न पूछूंगा। तो पहला प्रश्न – ऐसा कौन है जिस पर लगातार प्रहार करने के पश्चात भी वो मुस्कुराय... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 67 ICANSPIRIT 6:13 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी सबसे अच्छा युद्ध वो जो कभी लड़ा ही ना जाये अर्थात “समझौता”, “संधि” हर आवश्यक परिस्थिति में शुभ होता है। अपने स... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 66 ICANSPIRIT 9:42 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी गिरने में कोई आपत्ति नहीं है, बस गिरो तो उस बूँद की भांति जो इस संसार को नया जीवन देती है और उस उठने में भी कोई अ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 65 ICANSPIRIT 10:30 am राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी मन, मनुष्य, मान इन तीनों का प्रारम्भ मन से ही होता है, है ना? किन्तु आज हम बात करेंगे “मान” के विषय में। मान वो भा... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 64 ICANSPIRIT 12:54 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी मनुष्य सदा सोचता है “फल” के विषय में कि मैं जो करने जा रहा हूँ उसका फल क्या होगा, उसका परिणाम क्या होगा? पर इसकी... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 63 ICANSPIRIT 5:03 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी जबसे जीव अस्तित्व में आये है तबसे एक और शब्द अस्तित्व में आया है “संघर्ष” जन्म लेते ही व्यक्ति को जीवन जीने के लिए... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 62 ICANSPIRIT 8:52 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी दीपक जलाने का कार्य कितना सुखमय होता है, प्रकाश की ये लौ मानो भीतर जाकर मन में उल्लास भर देती है। ये मैंने क्या कर... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 61 ICANSPIRIT 8:51 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी इच्छा, निर्णय और निश्चय ये शब्द हमने हमारे जीवन में कई बार सुने, है ना? जीवन में बहुत बार बहुत कुछ पाने की इच्छा ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 60 ICANSPIRIT 8:49 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी “स्वप्न” और “लक्ष्य” कितने समान लगते है। इन दोनों की व्यक्ति कल्पना करता है। इन दोनों को व्यक्ति पाना चाहता है और... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 59 ICANSPIRIT 8:48 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी जीवन में कुछ कर दिखाना है, आकाश की वो सीमा छूनी है जिसे छूने के विषय में आप कभी सोच भी नहीं सकते। तो अपने भीतर ये ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 58 ICANSPIRIT 8:48 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी मनुष्य की एक विशेष प्रवृति होती है वो कभी स्वयं से संतुष्ट नहीं रहता, कभी स्वयं से प्रसन्न नहीं रहता, जो है उससे अ... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 57 ICANSPIRIT 8:47 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी एक चींटी का जीवन बहुत ही कम होता है। दो दिन, अधिक से अधिक एक सप्ताह बस। कितने कम भोजन की आवश्यकता होती है इसे। किन... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 56 ICANSPIRIT 8:46 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी कुछ पक्षियों को देखा है? जीवन भर घोंसला बनाते रहते है। यहां से डाली लेकर, वहां से तिनका लेकर, सदा इस कार्य में रहत... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 55 ICANSPIRIT 8:46 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी जीवन में समय चाहे जैसा भी हो अपनों का साथ बड़ा आवश्यक होता है। सुख हो तो बढ़ जाता है, दुःख हो तो बंट जाता है। अपनो... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 54 ICANSPIRIT 8:45 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी हमारे जीवन में शिक्षक बड़ा महत्त्वपूर्ण है। “शिक्षक” जो हमें जीवन जीने की आवश्यक कला सिखाता है, जीवन जीना सिखाता ह... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 53 ICANSPIRIT 8:44 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी इस प्रकृति ने सभी जीवों की रचना की, भूख की मांग के लिए सबको पेट दिए और व्यवस्था भी की कि हर कोई परिश्रम से अपना पे... Continue Reading
राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी - 52 ICANSPIRIT 8:43 pm राधाकृष्ण | कृष्ण वाणी कभी बरगद के वृक्ष को देखा है? कितना विशाल होता है, कभी-कभी भय लगता है कि इन भारी डालों का बोझ इतना सह भी पायेगा ... Continue Reading