कलयुग अंत के बाद ऐसा होगा सतयुग - कलयुग के अंतिम चरण में भगवान् विष्णु कल्कि अवतार लेकर कलयुग का अंत करेंगे ओर सतयुग का आरंभ होगा चारो युगो (सतयुग त्रेतायुग द्वापरयुग कलयुग) का वर्णन श्रीमद् भागवत पुराण में मिलता है
कलयुग के बाद का सतयुग कैसा होगा ? | Satyuga after Kalyuga
परंतु कलियुग में खासियत जैसा तो कुछ नहीं दिखता, चारो ओर अहंकार, प्रतिशोध, लालच और आतंक ही दिखाई देता है । कलियुग को मानव जाति के लिए एक श्राप कहा जाता है, जिसे इस युग में जीने वाला हर इंसान भुगत रहा है । लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की कलयुग के अंत के बाद आने वाला युग कैसा होगा
पुराणों में सृष्टि के संपूर्ण काल-अवधी अर्थात समय को चार युगों में बांटा गया है । ये चार युग हैं-सतयुग,त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग ।
श्री कृष्ण के अनुसार कलियुग में ऐसे लोगों का राज होगा जो बोलेंगे कुछ और करेंगे कुछ।इसी प्रकार कलियुग में ऐसे लोग रहेंगे, जो बड़े ज्ञानी और ध्यानी कहलाएंगे लेकिन उनके आचरण राक्षसी होंगे ।।ठीक इसी तरह कलियुग में अन्न के भंडार होंगे लेकिन लोग भूख से मरेंगे ।कलयुग में जब पाप अपने चरम पर पहुँच जाएगा और पृथ्वीलोक से धर्म समाप्त होने लगेगा । तब में कल्कि रूप में अवतरित होकर इस धरा को पापों से मुक्त करूँगा और उसके बाद जो नया युग आएगा वो सतयुग कहलायेगा । अर्थात सृष्टि युग परिवर्तन का बाईसवां चक्र पूरा करके तेइसवें चक्र में प्रवेश करेगी और फिर से नवयुग आरम्भ होगा जो सतयुग के नाम से जाना जाएगा ।
मनुष्यों को परमज्ञान की प्राप्ति होगी । लोग पूजन -कर्मकांड में विश्वास करेंगे।सतयुग में मनुष्य अपने तपोबल से भगवान से बात कर सकेगा । इस युग में लोगों को अपने शरीर पर पूर्ण नियंत्रण होगा । आत्मा का परमात्मा के मिलन से सभी सुखी होगा । अर्थात सतयुग को इस सृष्टि का स्वर्णयुग कहा जाएगा ।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार युगों के परिवर्तन का यह बाईसवां चक्र चल रहा है । गीता में इस बात का वर्णन भी किया गया है ।
Story of Lord Krishna's Death | भगवान श्रीकृष्ण की मृत्यु ?
युग परिवर्तन के इस चक्र के अनुसार अभी कलियुग चल रहा है । शास्त्रों के अनुसार कलियुग 432000 सालो का है जिसमें अभी 427000 साल बचे हुए हैं । अर्थात कलियुग के अंत होने में अभी काफी समय है । लेकिन कलियुग का अंत कैसा होगा इसका वर्णन ब्रह्मपुराण में मिलता है । ब्रह्मपुराण के अनुसार कलियुग के अंत में मनुष्य की आयु 12 वर्ष रह जाएगी। इस दौरान, मानव जाति का पतन होगा, लोगों में द्धेष और दुर्भावना बढ़ेगी ।
जो लोग बलवान होंगे उनका ही राज चलेगा । मानवता नष्ट हो जाएगी । रिश्ते खत्म हो जाएंगे । एक भाई दूसरे भाई का ही शत्रु हो जाएगा । और जब आतंक अपनी चरम सीमा में होगा तो भगवान विष्णु का कल्कि अवतार लेंगे । पृथ्वी से समस्त अधर्मियों का नाश कर देंगे ।
युग परिवर्तन के इस चक्र के अनुसार अभी कलियुग चल रहा है । शास्त्रों के अनुसार कलियुग 432000 सालो का है जिसमें अभी 427000 साल बचे हुए हैं । अर्थात कलियुग के अंत होने में अभी काफी समय है । लेकिन कलियुग का अंत कैसा होगा इसका वर्णन ब्रह्मपुराण में मिलता है । ब्रह्मपुराण के अनुसार कलियुग के अंत में मनुष्य की आयु 12 वर्ष रह जाएगी। इस दौरान, मानव जाति का पतन होगा, लोगों में द्धेष और दुर्भावना बढ़ेगी ।
जो लोग बलवान होंगे उनका ही राज चलेगा । मानवता नष्ट हो जाएगी । रिश्ते खत्म हो जाएंगे । एक भाई दूसरे भाई का ही शत्रु हो जाएगा । और जब आतंक अपनी चरम सीमा में होगा तो भगवान विष्णु का कल्कि अवतार लेंगे । पृथ्वी से समस्त अधर्मियों का नाश कर देंगे ।
कलयुग का अंत कैसे होगा - End of Kalyuga
इसके आलावा भगवान् श्री कृष्ण ने भी बताया है की कलियुग का अंत कैसे होगा । जिसका वर्णन महाभारत में मिलता है ।श्री कृष्ण के अनुसार कलियुग में ऐसे लोगों का राज होगा जो बोलेंगे कुछ और करेंगे कुछ।इसी प्रकार कलियुग में ऐसे लोग रहेंगे, जो बड़े ज्ञानी और ध्यानी कहलाएंगे लेकिन उनके आचरण राक्षसी होंगे ।।ठीक इसी तरह कलियुग में अन्न के भंडार होंगे लेकिन लोग भूख से मरेंगे ।कलयुग में जब पाप अपने चरम पर पहुँच जाएगा और पृथ्वीलोक से धर्म समाप्त होने लगेगा । तब में कल्कि रूप में अवतरित होकर इस धरा को पापों से मुक्त करूँगा और उसके बाद जो नया युग आएगा वो सतयुग कहलायेगा । अर्थात सृष्टि युग परिवर्तन का बाईसवां चक्र पूरा करके तेइसवें चक्र में प्रवेश करेगी और फिर से नवयुग आरम्भ होगा जो सतयुग के नाम से जाना जाएगा ।
सतयुग केसा होगा - Satyuga
सतयुग की अवधि 1728000 वर्ष होगी।इस युग में मनुष्यों की आयु 4000 से 10000 वर्ष होगी । पृथ्वीलोक पर फिर से धर्म की पुनःस्थापना होगी । मनुष्य भौतिक सुख की जगह मानसिक सुखों पर बल देगा । मनुष्यों में एक दूसरे के लिए नफरत की कोई जगह नहीं होगी चारों ओर प्यार ही प्यार होगा । मानवता की पुनः स्थापना होगी ।मनुष्यों को परमज्ञान की प्राप्ति होगी । लोग पूजन -कर्मकांड में विश्वास करेंगे।सतयुग में मनुष्य अपने तपोबल से भगवान से बात कर सकेगा । इस युग में लोगों को अपने शरीर पर पूर्ण नियंत्रण होगा । आत्मा का परमात्मा के मिलन से सभी सुखी होगा । अर्थात सतयुग को इस सृष्टि का स्वर्णयुग कहा जाएगा ।
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