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शनिवार, 18 मई 2019

How to control anger in Hindi | क्रोध को शांत करने के उपाय

How to control anger in Hindi | क्रोध को शांत करने के उपाय

एक नगर में एक सेठ रहता था वह बहुत ही दयालु था उनकी एक दुकान थी और वह बड़ी ही ईमानदारी से दुकान भी चलता था | एक दिन सुबह सुबह सेठजी और उनकी पत्नी के बीच छोटीसी बाँट में झगड़ा हो गया | दुकान आकर सेठजी का गुस्सा शांत तो हो गया था किन्तु मन में वही सुबह वाली बात चल रही थी और सोच रहे थे की छोटी छोटी बांटो में झगड़ा क्यों होता हे ? और इतने में ही एक संत महात्मा दुकान के पास आये और उससे कुछ चावल की याचना की सेठजी बड़े ही दयालु थे इसीलिए सेठजी ने दान देने के लिए चावल की बोरी में से एक कटोरा भर कर चावल निकाला और संत महात्मा के पास आकर उनको चावल दे दिया l संत महात्मा ने सेठ जी को बहुत आशीर्वाद और दुआएं दी l सेठजी ने 🙏🙏हाथ जोड़कर बड़े ही विनम्र भाव से कहा,हे महात्मा! आपको मेरा प्रणाम🙏🙏 ।"

How to control anger in Hindi




"मैं आपसे अपने मन में उठी शंका का समाधान चाहता हूँ |" महात्मा जी ने भी प्यार से कहा,"कहो वत्स! क्या शंका है?' सेठ जी ने पूछा,"लोग आपस में लड़ते क्यों है?"

संत महात्मा जी ने बहुत ही शांत स्वभाव और मधुर वाणी में कहा.... "सेठ! मै तुम्हारे पास भिक्षा लेने के लिए आया हूँ तुम्हारे इस प्रकार के मूर्खता पूर्वक सवालो के जवाब देने नहीं आया हूँ |

महात्मा जी का यह जवाब सुनकर सेठ जी को तुरंत गुस्सा आ गया और सोचने लगे कैसा घमंडी और असभ्य संत है ? एक तरफ मैंने इनको दान दिया और ये मुझे ही इस प्रकार की बात बोल रहे है इनकी इतनी हिम्मत। और वह सेठ काफी देर तक उस संत को खरी खोटी सुनाते रहे। सेठ जी अपने मन की पूरी भड़ास निकाल कर ही कुछ शांत हुए।

अब संत महात्मा जी बड़े ही शांत और स्थिर भाव से बोले,"जैसे ही मैंने कुछ बोला आपको गुस्सा आ गया और आप गुस्से से भर गए और लगे जोर जोर से बोलने और चिल्लाने।" "वास्तव में केवल गुस्सा ही सभी झगडे का मूल होता है यदि हम अपने गुस्से पर काबू रख सके या सीख जाये तो दुनिया में कभी झगड़े होंगे ही नहीं!!!"इसलिए अगली बार जब भी आपको गुस्सा आए, खुद को शांत रखने का प्रयास करें.

दोस्तों भगवान् श्रीकृष्णने भगवदगीता में कहा हे की क्रोध से उत्पन्न होता है मोह और मोह से स्मृति विभ्रम। स्मृति के भ्रमित होने पर बुद्धि का नाश होता है और बुद्धि के नाश होने से मनुष्य का पतन हो जाता है दोस्तों मनुष्य के पतन का मुख कारण भी क्रोध ही हे मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन क्रोध है जो क्रोधाग्नि से स्वयं भी जलता है और दूसरोंको भी जलाता है दोस्तों एकऔर बाँट क्रोध को आधात्म ज्ञान की समझ से ही कम कर सकते है बाकी इसका इलाज डॉक्टर के पास भी नहीं है

इसीलिए हमे भी अपने जीवन में क्रोध को शांत रखने का हरसंभव प्रयास करना चाहिए अगर आपको क्रोध आये तो कुछ देर शांत हो जाइये


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