Produced - Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar
तो श्री कृष्ण उससे लड़ाई करते हुए उसकी चोंच से पकड़ कर मार देते हैं। बकासुर की मौत से विचलित होकर श्री कृष्ण को मारने के लिए कंस अकासुर को भेजता है।
अकासुर एक विशाल अजगर था तो वह अपना मुख खोल कर जंगल में बैठ जाता है जिसे गवाले एक विशाल गुफा समझ उसके अंदर चले जाते हैं। श्री कृष्ण जैसे ही उसके मुख में आते हैं तो वह अपना मुख बंद कर लेता है सभी गवाले बहशो हो जाते हैं फिर श्री कृष्ण अपना आकार बढ़ा कर अकासुर का मुख को फाड़ कर उसका वध कर देते हैं।
निर्माता - रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर
Directed - Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar
निर्देशक - रामानन्द सागर / आनंद सागर / मोती सागर
Chief Asst. Director - Yogee Yogindar
मुख्य सहायक निर्देशक - योगी योगिंदर
Asst. Directors - Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar
सहायक निर्देशक - राजेंद्र शुक्ला / सरिधर जेटी / ज्योति सागर
Screenplay & Dialogues - Ramanand Sagar
पटकथा और संवाद - संगीत - रामानन्द सागर
Camera - Avinash Satoskar
कैमरा - अविनाश सतोसकर
Music - Ravindra Jain
संगीत - रविंद्र जैन
Lyrics - Ramanand Sagar
गीत - रामानन्द सागर
श्री कृष्ण मुरली बजाते हुए अपनी गायों को साथ ले चराने के लिए मधुबन निकल पड़ते हैं। जब श्री कृष्ण और गवाले जंगल मैं पहुँच जाते हैं तो वहाँ बकासुर राक्षस बगुले का रूप धारण करके श्री कृष्ण को अपनी चोंच से पकड़ लेता हैंश्री कृष्ण ने किया बकासुर और अकासुर का वध
तो श्री कृष्ण उससे लड़ाई करते हुए उसकी चोंच से पकड़ कर मार देते हैं। बकासुर की मौत से विचलित होकर श्री कृष्ण को मारने के लिए कंस अकासुर को भेजता है।
अकासुर एक विशाल अजगर था तो वह अपना मुख खोल कर जंगल में बैठ जाता है जिसे गवाले एक विशाल गुफा समझ उसके अंदर चले जाते हैं। श्री कृष्ण जैसे ही उसके मुख में आते हैं तो वह अपना मुख बंद कर लेता है सभी गवाले बहशो हो जाते हैं फिर श्री कृष्ण अपना आकार बढ़ा कर अकासुर का मुख को फाड़ कर उसका वध कर देते हैं।
श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था।
यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था
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