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शुक्रवार, 15 जनवरी 2021

राधा और श्री कृष्ण मिलन - Radhakrishna Milan

कान्हा अपने मित्रों के साथ गोपियों की मटकियाँ फोड़ देते हैं। जब गोपियाँ उन्हें पकड़ने भागती हैं तो सारे गवाल बालक भाग जाते हैं परंतु कान्हा वही पेड़ पर बैठे रह जाते हैं

Produced - Ramanand Sagar / Subhash Sagar / Pren Sagar 
निर्माता - रामानन्द सागर / सुभाष सागर / प्रेम सागर 
Directed - Ramanand Sagar / Aanand Sagar / Moti Sagar 
निर्देशक - रामानन्द सागर / आनंद सागर / मोती सागर 
Chief Asst. Director - Yogee Yogindar 
मुख्य सहायक निर्देशक - योगी योगिंदर 
Asst. Directors - Rajendra Shukla / Sridhar Jetty / Jyoti Sagar 
सहायक निर्देशक - राजेंद्र शुक्ला / सरिधर जेटी / ज्योति सागर 
Screenplay & Dialogues - Ramanand Sagar 
पटकथा और संवाद - संगीत - रामानन्द सागर 
Camera - Avinash Satoskar 
कैमरा - अविनाश सतोसकर 
Music - Ravindra Jain 
संगीत - रविंद्र जैन 
Lyrics - Ramanand Sagar 
गीत - रामानन्द सागर
 

RadhaKrishna Milan

तब सभी गोपियाँ उसे पेड़ से उतार कर पकड़ लेती हैं और यशोदा मैया के पास शिकायत करने ले जाती हैं। यशोदा मैया कान्हा को दंड के रूप में अंधेरी कोठरी में बंद करने को ले जाती हैं।

कान्हा को मटकियाँ तोड़ने की सज़ा | राधा और श्री कृष्ण मिलन

तभी वहाँ एक साँप आ जाता है। यशोदा साँप को देख कर डर जाती है परंतु कान्हा साँप से विनीति करते हैं की वो चले जाए तो साँप वहाँ से चला जाता है। मैया यशोदा कान्हा से नाराज़ हो जाती है और उससे बात नहीं करती। फिर कान्हा उन्हें गाना गाकर मानने की कोशिश करते हैं।

अगले दिन एक गोकुल का मुरली वाला सुबह मुरली बजाते है तो श्री कृष्ण मुरली की आवाज़ सुनकर वही आ जाते है। मुरली वाला उन्हें एक मुरली देता है और मुरली बजाना सिखाते हैं।

कान्हा सरस्वती माता से प्रार्थन करते हैं की उनकी मुरली में सुर भर दे तो स्वयं सरस्वती माता मुरली पे आके बैठ जाती हैं फिर कान्हा बांसुरी बजाते हैं तो मुरली वाला हैरान होकर देखता है और उन्हें प्रणाम करता है। श्री कृष्ण की मुरली सुन राधा श्री कृष्ण की मुरली को ओर आकर्षित हो जाती है और उनके पास जाने की ज़िद्द करती है।

बरसाना गाँव के मुखिया वृषभानु और पंचायत के कुछ लोगों ले साथ राधा भी नंदराय के घर आते हैं। राधा श्री कृष्ण को देख कर मन ही मन प्रसन्न होती है।

श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। 

यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 

इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था


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