श्रीकृष्ण लीला - कंस श्रीकृष्ण कहानी - Shree Krishna Leela ramanand sagar
कंस वासुदेव से देवकी के आठवें पुत्र के बारे में सवाल करता है की क्या नंदराय का कृष्ण ही वही बालक है जिसे देवकी ने जनम दिया था। लेकिन वासुदेव कुछ नहीं बोलते जिससे क्रोधित हो कंस वासुदेव को कारागार में डाल देता है।
फिर कंस देवकी के पास जाता है और यही सवाल उससे भी करता है की नंदराय का पुत्र ही तुम्हारा आठवाँ पुत्र है। लेकिन देवकी भी इस बात से इनकार करती है तो कंस देवकी को भी वासुदेव के साथ कारागार में डाल देता है। कंस उन्हें सच बताने के लिए एक महीने का वक्त देता है।
वासुदेव देवकी को कंस फिर से डाल देता है कारागार में
वासुदेव देवकी के साथ कारागार में उन्हें बताते हैं की कृष्ण ही हमारा पुत्र है तो वह ये बात सुन बेहोश हो जाती है। कंस अपने सलाहकार को ऋषि गर्ग को अपने पास लेने के लिए भेजता है।
कंस ऋषि गर्ग से मिलता है, ऋषि शांडिल्य से सवाल करता है की आप गोकुल क्यूँ गए थे और किसके बालक का नाम कारण संस्कार बिना आज्ञा के कैसे किया। तो ऋषि शांडिल्य उन्हें कुछ भी नहीं बताते और वह से चले जाते हैं।
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