Famous Quotes by Lord Krishna in Hindi
जीवन मे आने वाले संघर्षो के लिए मनुष्य स्वंय को योग्य नहीं मानता! जब उसे अपने ही बल पर विश्वास नहीं रहता! तब वो सतगुणों को त्याग कर दुर्गुणों को अपनाता है!
वस्तः मनुष्य के जीवन मे दुर्गुनता जन्म ही तब लेती है जब उसके जीवन में आत्मविश्वास नहीं होता! आत्मविश्वास ही अच्छाई को धारण करता है!
ये आत्मविश्वास है क्या?
जब मनुष्य यह मानता है कि जीवन का संघर्ष उसे र्दुबल बनाता है तो उसे अपने ऊपर विश्वास नहीं रहता| वो संघर्ष के पार जाने के बदले संघर्ष से छूटने के उपाय ढूंढने लगता है किन्तु वह जब यह समझता है कि ये संघर्ष उसे अधिक शक्तिशाली बनाते हैं ठीक वैसे जैसे व्यायाम करने से देह की शक्ति बढती है तो प्रत्येक संघर्ष के साथ उसका उत्साह बढ़ता है!
अर्थात आत्मविश्वास और कुछ भी नहीं सिर्फ मन की स्थिति है जीवन को देखने का दृष्टिकोण मात्र है और जीवन का दृष्टिकोण मनुष्य के अपने वश मे होता है!
स्वयं विचार कीजिए!
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