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सोमवार, 26 फ़रवरी 2018

Deepa Jyoti Stotram | दीपज्योतिः | शुभं करोति कल्याणं

Deepa Jyoti Stotram - दीपज्योतिः

Deepa Jyoti Stotram


शुभं करोति कल्याणं आरोग्यं धनसम्पदः 
शत्रु-बुद्धि-विनाशाय दीपज्योतिर्नमोस्तुते || 

Shubham Karoti Kalyanam Arogyam Dhanasampadah 
Shatru-Buddhi-Vinashaya Deepajyotirnamostute 

अर्थ : शुभ एवं कल्याणकारी, स्वास्थ्य एवं धनसंपदा प्रदान करनेवाली तथा शत्रुबुद्धि का नाश करनेवाली, हे दीपज्योति, मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं ।

ॐ पूर्णमद: पूर्णमिदं

दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः ।
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥

Diipa-Jyotih Para-Brahma Diipa-Jyotir-Janaardanah |
Diipo Haratu Me Paapam Diipa-Jyotir-Namostute ||

अर्थ : दीप का प्रकाश परब्रह्म स्वरूप है । दीप की ज्योति जगत् का दुख दूर करनेवाला परमेश्वर है । दीप मेरे पाप दूर करे । हे दीपज्योति, आपको नमस्कार करता हूं ।

हे दीपज्योति ! तू हमारा शुभ करनेवाली, कल्याण करनेवाली, हमें आरोग्य और धनसंपदा देनेवाली, शत्रुबुद्धि का विनाश करनेवाली है । दीपज्योति, तुझे नमस्कार ! तू परब्रह्म है, तू जनार्दन है, तू हमारे पापों का नाश करती है, तुझे नमस्कार !

प्रार्थना

कीटा: पतङ्गा: मशका: च वृक्षाः जले स्थले ये निवसन्ति जीवाः| 
दृष्ट्वा प्रदीपं न च जन्म भाजा: सुखिनः भवन्तु श्वपचाः हि विप्रा:|| 

Keetah Patangah Mashakah Cha Vrukshah 
Jale Sthale Ye Nivasanti Jivah 
Drushtva Pradeepam Na Cha Janma Bhajah 
Sukhinah Bhavantu Svapachah Hi Viprah

श्लोकपाठ के लाभ
‘शुभं करोति कल्याणम् …’ जैसे श्लोक बोलने से दीप की स्तुति द्वारा अनिष्ट शक्तियों को निरस्त करने का मारक कार्य साध्य किया जाता है ।’

दीप जलाने के उपरांत स्तोत्र पाठ करने से बच्चों की स्मरण शक्ति बढती है, वाणी शुद्ध होती है एवं उच्चारण भी स्पष्ट होने में सहायता मिलती है ।’

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