शास्त्रों में श्री कृष्ण की बचपन की लीलाओ सहित उनकी गोपियों से रासलीलाओं के बारे में बताया गया है। और भगवान कृष्ण की 16108 पत्नियां होने का बात भी कही गई है। जहां एक और महाभारत में सभी रानियों और पटरानियों से विवाह की कथा दी गई हैं वहीं शास्त्रकार इन कथाओं में छिपे गूढ़ रहस्य को बताते हैं। उनके अनुसार कृष्ण का अर्थ हैं अंधकार में विलीन होने वाले, सम्पूर्ण को अपने में समा लेने वाला।
श्रीकृष्ण की 16,100 पत्नियों और 8 पटरानियों का क्या है राज
कृष्ण की दूसरी पत्नी जांबवती थी, जोकि वह निशादराज जाम्बवान की बेटी थीं। उनकी तीसरी पत्नी सत्राजीत की बेटी सत्यभामा हुईं। दरअसल सत्राजीत ने कृष्ण पर कई आरोप लगा लेकिन वो सभी आरोप झूठे निकले। इससे सत्राजीत को बहुत शर्मिंदगी हुई और उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह कृष्ण से कर दिया।
इसके बाद कृष्ण ने एक स्वयंवर में भाग लिया। वहां राजकुमारी मित्रबिंदा ने उन्हें वरमाला पहनाकर उनसे विवाह रचाया। जो उनकी चौथी पत्नी बनीं। इसके बाद कौशल के राजा नग्नजीत के सात बैलों को कृष्ण ने एक साथ गिरा दिया। ये देखकर राजा नग्नजीत बहुत खुश हुए और उन्होंने अपनी बेटी सत्या से विवाह कृष्ण से कर दिया। इसके बाद कैकेय की राजकुमारी भद्रा से उनका विवाह हुआ।
कृष्ण की छठी पत्नी भद्रदेश की राजकुमारी लक्ष्मणा हुईं हैं। लक्ष्मणा कृष्ण को चाहने लगी थीं, लेकिन उनका परिवार कृष्ण के साथ विवाह के खिलाफ था। इसलिए कृष्ण को लक्ष्माणा का भी अपहरण करना पड़ा।
महाभारत के अनुसार, लाक्षागृह से बच निकलने पर पांडवों से मिलने कृष्ण इंद्रप्रस्थ पहुंचे। इस दौरान अर्जुन के साथ कृष्ण भ्रमण करने निकले। वहां सूर्य पुत्री कालिन्दी भगवान कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए तपस्या कर रही थीं। जब कृष्ण ने कालिंदी को तप करते देखा तो उनकी आराधना से मुख न मोड़ सके। आखिरकार कृष्ण ने उनसे भी विवाह कर लिया। इस तरह कृष्ण की 8 पत्नियां हुईं- रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा।
श्रीकृष्ण सत्यभामा कहानी
एक बार प्रागज्योतिषपुर के दैत्यराज भौमासुर के अत्याचार से देवतागण त्राहि-त्राहि कर रहे थे। स्वर्गलोक के राजा देवराज इंद्र ने कृष्ण से प्रार्थना की। इंद्र ने कृष्ण को बताया कि भौमासुर ने पृथ्वी के कई राजाओं और आम लोगों की खूबसूरत बेटियों का हरण कर उन्हें अपना बंदी बना लिया है। इस संकट से आप ही उन्हें मुक्ति दिला सकते हैं।कुष्ण ने इंद्र की प्रार्थना स्वीकार की। श्रीकृष्ण अपनी प्रिय पत्नी सत्यभामा को साथ लेकर गरुड़ पर सवार हो गए और प्रागज्योतिषपुर पहुंचे। वहां पहुंचकर भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की सहायता से सबसे पहले भौमासुर के पुत्रों का संहार किया। भौमासुर को स्त्री के हाथों मरने का श्राप मिला था इसलिए भगवान कृष्ण ने सत्यभामा को सारथी बनाया और फिर कृष्ण ने सत्यभामा की सहायता से उसका वध कर दिया।
क्यों श्रीकृष्ण ने 16100 कन्याओ से विवाह किया
इसके बाद कृष्ण्ा ने 16,100 कन्याओं को भौमासुर की कैद से आजाद कराया। सालों से भौमासुर के कैद में रहने के कारण इन्हें कोई भी अपनाने को तैयार नहीं था, इसलिए श्री कृष्ण ने सभी को आश्रय दिया। इन सभ्ाी कन्याओं को श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। कहा ये भी जाता है कि ये 16100 कन्याएं पिछले जन्म में ऋषि-मुनि थे। इन्होंने कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए तपस्या की थी। अगले जन्म में इन सभी ऋषि-मुनियों ने कन्या के रूप में जन्म लिया और कृष्ण ने इनकी मनोकामना पूर्ण करने के लिए उन्हें अपनी पत्नी बनाया।निष्कर्ष
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