क्या आप जानते है के बाली मे कितनी शक्ति थी ओर बालीको छिपके क्यु मारा गया........?
बाली किश्किंधा का राजा था बाली वैसे देवताओ के राजा इंद्र का पुत्र था.ओर सुग्रीव का बडा भाइ था. कहेते है समुद्र मंथन के समय बाली ने समुद्र मथने मे देवताओ की सहायताकी थी. एवम एक बार अकेले ही पुरा समुद्र मंथन कर दिया था. बाली अती बलवान था. बाली एक दिन मे पुरी पुर्थ्वी का चक्कर लगा लेता था. उस के शरीर मे इतनी उर्जा थी के वो सालो तक दिग्पाल ओर पुजा करने के लिये उडता रहेता था. ओर ब्रह्माजी से उसने ये वरदान लिया था के जो भी बाली से युध्ध करेग उसका आधा बल बाली मे आ जायेगा. इसी वरदान की वजह से रावण भी कइ बार बाली से हार गया था. एक बार बाली जब पुजाकर रहा था तब रावण बालीसे लडने आया तब बाली ने रावण को अपनी कांख मे दबा के अपनी पुजा पुरी की थी,ओर एक बार रावणको अपनी पुछमे लपेट कर पुर्थ्वी का चक्कर लगाया था.
बाली ने रावण के ससुर मय दानव के बडे पुत्र दुदुम्भी जो भैसे के रुप मे बाली से युध्ध करने आया था. दुदुम्भी मे 1000 हाथीओ का बल था. पर बाली ने उसे मारा ओर उसे उठा के 4 कोस यानी 12 कि.मी दुर फेक दिया था. उस वक्त दुदुम्भी के मुख से जो खुन हवा मे उडा वो ऋषिमुख पर्वत पर मतांग ऋषि के आश्रम पर जा गिरा. मतांग ऋषि के श्राप के कारण बाली उस पर्वत पर नही जा सकते थे. इस लिये पुरी दुनिया मे बाली से बचने के लिये सुग्रीव के पास ऋषिमुख पर्वत हि स्थान था. बाली ने मय दानव के पुत्र मायवी का वध भी किया था. बाली अपने बल के घमंड मे अधर्म आचरने लगा था. सुग्रिव की पत्नी रोमा को वो अपने साथ रखता था.
ब्रह्माजी के वरदान की वजह से बाली को युध्ध मे मारन असभंव था. इस लिये खुद भगवान को भी छुप के बाली का वध करना पड़ा
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