परमात्मा में ध्यान कैसे लगाए - Somnath Mahadev
नमस्कार दोस्तों इस ब्लॉग में हम परमात्मा में ध्यान कैसे लगाए ? इवं भक्ति कैसी होनी चाहिए इस बारे मे एक छोटीसी कहानी के माध्यम से बातएंगेएक महिला थी जो हर-रोज मंदिर जाती थी | एक दिन उस महिला ने पुजारी से कहा अब मैं मंदिर नही आया करूँगी | इस पर पुजारी ने पूँछा क्यो ???
तब महिला बोली - मैं देखती हूं की कई लोग मंदिर परिसर मे अपने फोन से अपने व्यापार की बात करते है और कुछ लोगो ने तो मंदिर को ही गपसप करने का स्थान चुन रख्खा है कुछ लोग पूजा कम पाखंड ज्यादा करते है ये सब देखकर मेरा ध्यान पमात्मा में नहीं लग पाता फिर मंदिर आने का क्या लाभ
इस पर पुजारी कुछ देर तक चुप रहे ,फिर कहा सही हैं
परंतु अपना अंतिम निर्णय लेने से पेहले, क्या आप मेरा एक काम कर कर सकती हो ?
महिला बोली - अवश्य करुँगी , आप बताइए क्या करना है
तब पुजारी ने कहा- एक कलस पानी से भर लीजिए औऱ 2 बार मंदिर परिसर के अंदर परिक्रमा लगाइए - और शर्त ये है कि गिलास का पानी गिरना नही चाहिये।
महिला बोली - मे ऐसा कर सकती हूँ फिर थोड़ी ही देर में उस महिला ने 2 बार मंदिर परिसर अंदर शर्त के अनुसार परिक्रमा लगाइ | और पानी को कलस से गिरने नहीं दिया
अब मंदिर के पुजारी ने उस महिला से 3 सवाल पूछे :-
सबसे पेहला सवाल - क्या आपने किसी को फोन पर बात करते देखा ?
महिला ने जवाब दिया नहीं
दूसरा सवाल - क्या आपने किसी को मंदिर मे गपसप करते देखा ?
महिला ने जवाब दिया नहीं
तीसरा सवाल- क्या किसी को पाखंड करते देखा ? महिला बोली- नही मैंने कुछ भी नही देखा
फिर पुजारी बोले- जब आप परिक्रमा लगा रही थी तो आपका पूरा ध्यान गिलास पर केंद्रित था कि इस मे से पानी न गिर जाए इसलिए आपको कुछ दिखाई नही दिया
आप ऐसा ही करे अब जब भी आप मंदिर आये तो सिर्फ अपना ध्यान परम पिता परमात्मा में ही लगाना
फिर आपको कुछ दिखाई ही नही देगा सिर्फ भगवान ही सर्वत्र दिखाई देगा
दोस्तों आपको ये कहानी केसी लगी कमेंट करके जरुरु बताइये
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें