श्री कृष्ण भजन | रे मनवा प्रेम जगत का सार | Re Manwa Prem Jagat ka saar
रे मनवा प्रेम जगत का सार,
प्रेम पुजारिन राधे रानी,
कृष्ण प्रेम अवतार,
रे मनवा प्रेम जगत का सार।।
प्रेम की मुरली, प्रेम की जमुना,
प्रेम ही राधे, प्रेम ही कृष्णा,
एक दूजे के ये अनुरागी,
सब में जगायें प्रेम की तृष्णा,
प्रेम में डूबे प्राण करत हैं,
प्रेम की जय जयकार,
रे मनवा प्रेम जगत का सार।।
प्रेम डगर पर चलते चलते,
भक्ति की पावन नदिया आये,
भक्ति की नदिया बहते-बहते,
प्रेम के सागर में मिल जाये,
भक्ति के दोनो ओर प्रेम है,
भक्त खड़े मझधार,
रे मनवा प्रेम जगत का सार।।
रे मनवा प्रेम जगत का सार,
प्रेम पुजारिन राधे रानी,
कृष्ण प्रेम अवतार,
रे मनवा प्रेम जगत का सार।।
श्रीकृष्ण रामानंद सागर सॉन्ग लिरिक्स - रे मनवा प्रेम जगत का सार
Serial - Shreekrishna
Director - Ramanand Sagar
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें