लंका दहन - Hanumanji lanka dahan Ramayan Ramanand Sagar
जब हनुमान जी माता सीता से मिलने के बाद वाटिका को उजाड़ देते हैं। मेघनाथ हनुमान जी को पकड़ने आता है तो मेघनाथ हनुमान जी पर ब्रह्मास्त्र को प्रयोग करता है, हनुमान जी ब्रह्मास्त्र का सम्मान करते हुए बंदी बन जाते हैं और फिर मेघनाथ के साथ रावण के दरबार में चले जाते हैं।
जहां रावण उनसे सवाल जवाब करता है जिसका जवाब हनुमान जी बड़ी शांति पूर्वक जवाब देते हैं। हनुमान जी रावण को माता सीता को वापस लौटाने और श्री राम की शरण में जाने की सलाह देते हैं, परंतु रावण क्रोधित हो कर हनुमान जी की पूँछ में आग लगाने का आदेश दे देता है।
हनुमान जी अपनी आग लगी पूँछ से रावण की स्वर्ण लंका में आग लगा देते हैं और वापस श्री राम जी के पास लौट जाते हैं।
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