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मंगलवार, 25 मई 2021

Dashavatar - 10 Avatars of Lord Vishnu | दशावतार

दशावतार - भगवान विष्णु के 10 अवतार | Dashavatar - 10 Avatars of Lord Vishnu

सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु संसार की रक्षा के लिए प्रत्येक युग में अलग अलग रूपों में पृथ्वी पर अवतरित होते हैं। मुख्य रूप से भगवान विष्णु के 10 अवतार बताये गए हैं जिन्हें दशावतार भी कहते हैं।

आइये दोस्तों जानते हे भगवान विष्णु के दशावतार की कहानी | 



1. मत्स्य अवतार -भगवान विष्णु का यह पहला अवतार था जो की उन्होंने एक मछली के रूप में लिया था इस अवतार में खुद भगवान विष्णु ने राजा सत्यव्रत को तत्वज्ञान दिया था और उन्हें बताया की किस प्रकार से सृष्टि का विनाश होगा और तुम्हे किस तरह से सप्त ऋषियों, औषधियों, बीजों व प्राणियों का बचाव करना होगा | इस अवतार में भगवान विष्णु ने प्रलय काल में जीव की उत्पत्ति व बचाव को महत्व दिया है |

2. कूर्म अवतार -धर्म ग्रंथो के अनुसार इस अवतार को कश्यप अवतार भी कहते है क्योकि इस अवतार में भगवान विष्णु ने कछुए का रूप धारण किया था | इस अवतार में भगवान विष्णु ने समुन्द्र मंथन में सहायता की जब समुन्द्र मंथन छल रहा था तो उस समय मंदराचल में कोई आधार न होने के कारणवश वह समुन्द्र में डूबने लगा जिसके बाद भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार के रूप में अपनी विशाल की पीठ की मदद से उसे आधार दिया और समुन्द्र मंथन पूरा किया |

3. वराह अवतार वराह अवतार में एक सूअर का अवतार लेने वाले भगवान विष्णु ने यह तीसरा अवतार इस पृथ्वी पर लिया था बात उस समय की है जब हिरण्याक्ष ने पृथ्वी को ले जाकर समुन्द्र में छिपा दिया तो भगवान विष्णु ने पृथ्वी की भलाई हेतु उसे वापिस लेने ले लिए ब्रह्मा जी की नाक से वराह अवतार लिया और समुन्द्र को खोज कर लाये तथा हिरण्याक्ष का वध भी किया |

4. भगवान नृसिंह अवतार- भगवान नृसिंह के रूप में अपना चौथा अवतार लेने वाले भगवान विष्णु का स्वरुप इस अवतार में आधे इंसान व आधे शेर का था | उन्होंने यह अवतार दैत्यों के राजा हिरणकश्यप का वध करने के लिए लिया था हिरणकश्यप भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद के पिता थे और वह प्रह्लाद को ख़त्म करना चाहते क्योकि जो भी व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा करता था वह उसे मृत्युदंड देता था | जब उन्होंने प्रह्लाद को मरना चाहा तब भगवान विष्णु के खुद भगवान नृसिंह का अवतार लेकर हिरणकश्यप का पेट बीच में से फाड़ दिया |

5. वामन अवतार- वामन अवतार महान राजा बलि का वध करने के लिए लिया गया था राजा बलि ने अपनी शक्तियों से स्वर्गलोक को जीत लिया था जिसके बाद सभी देवी देवता उनसे दर कर भगवान विष्णु के पास गए और मदद की गुहार की तब भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से दान के रूप में उनके तीन पग धरती मांगी | जब उन्होंने तथास्तु बोला तब वह अपने असली रूप में आये और उन्होंने एक पग से पृथ्वी और दूसरे से स्वर्ग को नाप लिया। तीसरे पग के लिए बलि ने अपना मस्तक आगे कर दिया।।प्रभु तीसरा पग मेरे मस्तक पर रख दें। सब कुछ गंवा चुके बलि को अपने वचन से न फिरते देख वामन प्रसन्न हो गए। उन्होंने ऐसा ही किया और बाद में उसे पाताल का अधिपति बना दिया और देवताओं को उनके भय से मुक्ति दिलाई।

6. परशुराम अवतार -भगवान विष्णु ने छठवे अवतार के रूप में भगवान परशुराम का रूप धारण किया तथा धरती से क्षत्रियो का नामो निशान मिटा दिया उन्होंने लगभग हर क्षत्रिय को मार डाला और उनके पुरे वंश को समाप्त कर दिया | उनके पास भगवान शिव् का दिया हुआ फरसा था जिससे ही उन्होंने पुरे क्षत्रिय वंश को समाप्त किया था |

7. श्रीराम अवतार- यह अवतार त्रेतायुग में राक्षसराज रावण का वध करने के लिए किया था इसके अलावा उन्होंने मर्यादा में रहते हुए धरती पर लोगो को सभी धर्म का पाठ पढ़ाया | भगवान विष्णु के इस अवतार को आज सबसे अधिक पूजा जाता है क्योकि धरती से बुराई को पूरी तरह से ख़त्म कर दिया था | इसीलिए उन्हें पुरुषोत्तम श्रीराम के नाम से भी जाना जाता है |

8. श्रीकृष्ण अवतार- पूरी १६ कलाओ में निपुण भगवान विष्णु का यह अवतार महाभारत के युद्ध में कौरवो के विनाश का प्रमुख कारण था इसके अलावा इन्हे कंस के वध करने के लिए भी इस धरती पर भेजा गया था | बहगवां विष्णु के इस अवतार धरती पर रहते हुए सभी लोगो को गीता ज्ञान दिया यह अवतार भगवान विष्णु का सर्वश्रेष्ठ अवतार माना जाता है |

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9. बुद्ध अवतार -भगवान गौतम बुद्ध भी भगवान विष्णु का अवतार ही थे और इन्होने नौंवे अवतार के रूप में धरती पर जन्म लिया था | बुद्ध अवतार ने जीव हत्या में लिप्त संसार के दुखीजन को अहिंसा का महान् संदेश दिया जिसकी वजह से धरती पर जीव हत्या बाधित हो गयी जिस कारणवश इन्होने बौद्धा धर्म के प्रवर्तक के रूप में जाना जाने लगा बौद्ध धर्म में इनकी पूजा की जाती है |

10. कल्कि अवतार- भगवान विष्णु का यह अवतार अभी तक इस धरती पर नहीं जन्मा है लेकिन धर्म ग्रंथो के अनुसार माना जाता है कल्कि का अवतार कलयुग के अंतिम दिनों में होना है यह अवतार सृष्टि का संहार करने के लिए लिया जायेगा और उसके बाद सतयुग की स्थापना उसी अवतार द्वारा की जाएगी |

तो दोस्तों ये थे भगवन विष्णु के १० अवतार, आप कमेंट करके जरूर बताएगा की आपको उनका कौन सा अवतार सबसे प्रिय हे||



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