रामायण रावण वध । श्री राम द्वारा रावण का वध - Raavan Vadh
श्री राम जी जब माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास काट रहे थे। एक दिन उनकी कुटिया पे रावण की बहन शुर्पनखा वहाँ आ जाती है और श्री राम जी से विवाह करने की बात करती है। श्री राम उसे मना कर देते है और वह क्रोधित हो माता सीता पर हमला कर देती है।
लक्ष्मण शुर्पनखा की नाक काट देते हैं। शुर्पनखा अपने भाई रावण के पास जाती है और उन्हें अपना हाल बताती है। रावण अपनी बहन के अपमान का बदला लेने के लिए मारीच की मदद से माता सीता का हरण कर लेता है। रावण जब माता सीता को ले जा रहा था तो रस्ते में जटायु रावण को रोकने की कोशिश करते हुए घायल हो जाते हैं। जब श्री राम माता सीता को ढूँढते हुए जटायु से मिलते हैं तो वह रावण द्वारा माता सीता का हरण करने की बताते हैं।
श्री राम माता सीता को ढूँढते हुए सुग्रीव के पास जाते हैं। सुग्रीव अपने भाई बाली से प्रताड़ित हो अपने राज्य से बाहर छुपकर रहता था। श्री राम बालि को मार कर उसे उसका राज्य वापस दिला देते हैं। उसके बाद श्री राम हनुमान और सुग्रीव की सेना की मदद से माता सीता को खोजने के लिए अभियान शुरू कर देते हैं। हनुमान जी समुद्र लांघ कर लंका में जाते हैं और वह माता सीता को खोज लेते हैं। हनुमान जी माता सीता से मिल कर रावण के दरबार में बंदी बनकर जाते है और उसे श्री राम के बारे में समझने की कोशिश करते है की माता सीता को लौटा दे
लेकिन रावण हनुमान जी की पूँछ में आग लगा देते हैं। हनुमान जी अपनी आग लगा पूँछ से रावण की स्वर्ण लंका में आग लगा देते हैं और श्री राम के पास लौटकर उन्हें सब बताते हैं। श्री राम जी और उनकी सेना समुद्र पर पथरों से पुल बनते हैं और लंका पहुँच जाते हैं। श्री राम और रावण की सेना में युध शुरू हो जाता है। श्री राम और उनके साथी मिल कर रावण के सभी योधाओं को मार देते हैं।
जब कुम्भकर्ण मैदान में आता है तो श्री राम कुम्भकर्ण को भी मार देते हैं। जब मेघनाथ रण भूमि में आता है तो लक्ष्मण उनसे लड़ते हैं और उनसे लड़ते हुए वो मूर्छित हो जाते हैं उन्हें मुर्छा से जगाने के लिए हनुमान जी हिमालय पर्वत से संजीवनी बूटी लेने जाते हैं। लक्ष्मण को मुर्छा से जगाने के बाद लक्ष्मण मेघनाथ से युध करते हैं और उसे युध में मार देते हैं। रावण क्रोधित हो रण भूमि में युध करने के लिए आता है।
श्री राम और रावण के बीच युध में श्री राम को विभीषण रावण को मारने का रास्ता बताता है तो श्री राम रावण को मार देते हैं। श्री राम माता सीता को रावण से मुक्त कर लेते हैं और विभीषण का राज्य अभिषेक कर लंका का राज्य उन्हें सोंप वापस अयोध्या आजाते हैं।
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